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एस्ट्रोलॉजर के बारे में जानकारी

 

२० वर्ष अनुभवी

ज्योतिष एक बेहद पुरानी विद्या है, जिसमें मनुष्य के भाग्य का अध्ययन ग्रहों एवं नक्षत्रों की चाल और प्रभाव से किया जाता है।

ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है। आज बहुत से लोग ऐसे हैं जो ज्योतिष (Jyotish) में विश्वास करते हैं। ज्योतिष वास्तव में मानवता का आधार है। व्यक्ति अपने जीवन की कई समस्याओं से ज्योतिष की मदद से निजात पा सकता है। भविष्य के बारे में विभिन्न बातों की भविष्यवाणी करके लोगों की मदद करने के लिए ज्योतिष बनाया गया है। ज्योतिष शास्त्र बहुत विशाल है, इसकी कई उप-शाखाएं हैं जो विभिन्न तरीकों से उपयोग कर सकते हैं। ज्योतिष की उन सभी उप-शाखाओं में मास्टर बनना आसान नहीं है। एस्ट्रोलॉजर्स (Astrologer in Hindi) के बारे में अपने ज्ञान और अनुभव के लिए प्रसिद्ध है। उन्हें कुंडली, वास्तु, रत्न विज्ञान, हस्तरेखा विज्ञान और कई अन्य ज्योतिषीय शाखाओं में बहुत अच्छा अनुभव होता है।

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वैदिक ज्योतिष

ज्योतिष विद्या को हम ज्योतिष शास्त्र या फिर ज्योतिष विज्ञान भी कहते हैं।

वैदिक ज्योतिष में कर्म व भाग्य पर आधारित सिद्धांतों प्रयोग किया जाता है। वैदिक ज्योतिष में अच्छे और बुरे कार्य या पिछले जीवन व वर्तमान जीवन के कर्मों की ज्योतिष गणना कर भविष्य का आकलन किया जाता है। वैदिक ज्योतिष में स्थान, दिनांक, समय एवं ग्रहों की स्थिति का उपयोग किया जाता है। यह अध्ययन बताता है कि आप के साथ क्या हो रहा है, आप क्या कर रहे हैं, आने वाले समय में भविष्य की क्या संभावनाएं पैदा हो रही हैं।

सौरमण्डल में होने वाले परिवर्तन और मौजूद ग्रह-नक्षत्रों आदि के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए आदमी ने ग्रह-तारों आदि को देखना, परखना और समझना शुरू किया। धीरे-धीरे ग्रहों-नक्षत्रों की चाल इंसान की समझ में आने लगी। वह अपने आस-पास होने वाली घटनाओं को सौरमण्डल में मौजूद इन ग्रहों-नक्षत्रों की गतिविधियों से जोड़ने लगा और इस प्रकार यह एक शास्त्र बन गया, जिसे आज हम सभी ज्योतिष या ज्योतिष विद्या के नाम से जानते हैं। वेदो में ज्योतिष शास्त्र की प्रामाणिक परिभाषा मौजूद है।

ज्योतिषीय सेवाएं

 

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व्यापार और करियर की समस्याएं

आज के युग में हर इंसान अपने जीवन को कामयाब बनाने के लिए कढ़ी मेहनत कर रहा है लेकिन सभी को कामयाबी नहीं मिल पाती बल्कि कुछ लोग ऐसे किस्मत वाले होते है जिन्हें बिना कढ़ी मेहनत के भी आसमान की उचाईयों को छूने का मोका मिल जाता है ! दरअसल उन जातको की कुंडली मई बने शुभ योग उन्हें उन उचियों तक पहुचने में मदद करते है और अशुभ योग सिर्फ नाकामयाबी की और धकेलते है ! वैदिक ज्योतिष के सही मार्गदर्शन से आप अपने करियर और व्यापर सम्बन्धी सभी दोषों का समय रहते निवारण कर सकते है और अपने अमूल्य समय को नष्ट होने से बचा सकते है !

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शुभ मुहूर्त का चयन

शुभ मुहूर्त ज्योतिष की एक शाखा है और यह मुहूर्त ज्योतिष के रूप में जाना जाता है, किसी भी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत या व्यावसायिक काम शुरू करने के लिए शुभ समय का चयन किया जाता है , ताकि शुरू किये गए कार्य में सफलता प्राप्त की जा सके ! मेरे व्यक्तिगत अनुभव में किसी भी अशुभ समय में शुरू किया जाने वाला कार्य कभी भी सफल नहीं सकता , उस कार्य में नुक्सान ही होता है ! उसकी जगह यदि कोई भी कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाए तो निश्चित ही उस कार्य में सफलता के योग प्रबल हो जाते है ! किसी भी महत्वपूर्ण गतिविधियों, जैसे ग्रेह प्रवेश, व्यापार , नौकरी, नई निर्माण, चिकित्सा सर्जरी, कानूनी मामलों, रत्न पहनें आदि में, समृद्धि, नाम और प्रसिद्धि प्राप्त करने हेतु शुभ मुहूर्त प्रयोजन की आवश्यक है !

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वास्तु शास्त्र

वास्तु दरअसल हिंदू वास्तुकला है जिसका उपयोग मंदिर, मकान या किसी भी प्रकार के भवन निर्माण के समय किया जाता है। यह प्राचीन भारतीय विज्ञान आज के आधुनिक समय में भी सामयिक है। आज के दौर में भी हर कोई अपने घर या कार्यालय को वास्तु अनुरूप ही बनाना चाहता है। मान्यता है कि वास्तु नियमों के विपरीत होने पर मकान या दुकान को बाधाएं घेरे रहती हैं जबकि वास्तु नियमों का पालन कर बनाये गये भवनों में सदैव खुशहाली रहती है। उत्तर भारत की यदि बात करें तो यहां भगवान विश्वकर्मा को वास्तु कला का जनक माना जाता है तो दक्षिण में इस प्रकार की मान्यता है कि प्रसिद्ध साधु मायन यह कला लेकर आये।

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शादी की समस्याएं

हर कोई आपने जीवन में आपने संबंधो, शादी और प्यार के बारे में जानना चाहता है! क्या आपको अपना पसंदीदा साथी मिल सकेगा? अगर हाँ तो कब मिलेगा? आपका सम्बन्ध कैसा रहेगा? क्या आप की शादी किसी अमीर घराने में होगी? क्या आप अपनी शादी से खुश रहेंगे या आप को प्यार में धोखा मिलेगा? इतने रिश्ते आने के बाउजुद आपकी शादी तय क्यों नहीं हो रही? आपको इन सभी सवालों के जवाब वैदिक ज्योतिष की मदद से मिल सकते है, तथा आपकी कुंडली में शादी और संबंधो के खराब दोषों को जाने तथा उनका निवारण कर उन समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करें!

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कुंडली मिलान और गुण मिलान

गुण मिलान या कुंडली मिलान शायद भारत में सबसे महत्वपूर्ण बात है जबकि पश्चिमी देशों में भी कुंडली मिलान आज कल शादी के लिए जरुरी हो गया है ! ज्यादातर परिवार पंडित जी या किसी ज्योतिषी के पास लड़के और लड़की दोनों की कुंडली मिलान के लिए जाते है! ज्यादातर पंडित जी सिर्फ गुण मिलान करके ही फैसला कर लेते की शादी अच्छी रहेगी या नहीं! लेकिन मेरे अनुभव से ऐसा करना ठीक नहीं है क्योकि मैंने आपने कार्य काल में ऐसी सेकड़ो शदिया देखि है जिनके ३६ में से ३० गुण मिलने के बावुजूद तलाक हो गए और ऐसी भी शादियां देखि है जिनके सिर्फ १७ या १८ गुण मिलने के बावुजूद कई वर्षो शादिया अच्छी चल रही है ! गुण मिलान करना आवश्यक है परन्तु गुण मिलान के अलावा दोनों कुंडलियों का अच्छी तरह से निरक्षण भी अति आवश्यक है !

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स्वास्थ्य समस्याएँ

आज की दुनिया में हर कोई अच्छा स्वास्थ्य चाहता है क्योंकि बिना अच्छे स्वास्थ्य के कोई भी अपने जीवन का आनंद नहीं ले सकता ! जीवन के हर पहलू का आनंद लेने के लिए, सभी को अच्छे स्वास्थ्य की जरूरत होती है, आपके पास बहुत धन होने के बावजूद आपकी बीमारी की वजह से आपको सादे भोजन और महंगी दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है आप उन सभी व्यंजनों का स्वाद नहीं ले सकते जो आपको तहे दिल से पसंद है! कई बार पूरी ज़िन्दगी काम करने के बाद वृद्ध अवस्था में कुछ ऐसे रोग लग जाते है जिनकी वजह से बाकी की ज़िन्दगी चारपाई पर ही निकल जाती है ! अगर आपको आपकी जिंदगी में होने वाले रोगों का पहले से ही पता लग जाए तो ज्योतिषीय उपायों और सावधानियो द्वारा आप अपनी आने वाली जिंदगी को बेहतर बना सकते है और उसका आनंद उठा सकते है!